तापमान में बढ़ोतरी ने बिहार के किसानों की बढ़ाई टेंशन, रबी की फसल को होगा नुकसान
Rabi Crops: मौसम का मिजाज ऐसा ही रहा तो उपज प्रभावित होना निश्चित है, जिससे किसानों का बड़ा नुकसान हो जाएगा.
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Rabi Crops: बिहार के न्यूनतम तापमान में हो रही बढ़ोतरी रबी की फसलों (Rabi Crops) के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है. फरवरी महीने में ही मौसम के बदलते तेवर और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी से किसान चिंतित हैं. इससे दलहनी (Pulses) फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है. किसानों का कहना है कि देर से बुआई की गई चना और मसूर के पौधों में अभी फूल और फली (दाना) लग रहे हैं. अनुकूल तापमान न रहने के कारण इन पौधों से फूल झड़ जा रहे हैं. इतना ही नहीं, मिट्टी से नमी गायब होने के कारण समय से पहले गेहूं (Wheat) की सिंचाई करनी पड़ रही है. किसानों का कहना है कि मौसम का मिजाज ऐसा ही रहा तो उपज प्रभावित होना निश्चित है, जिससे किसानों का बड़ा नुकसान हो जाएगा.
तापमान बढ़ने का इन फसलों पर होगा सबसे ज्यादा असर
वैज्ञानिकों का कहना है कि कम से कम 15 फरवरी तक न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम होना चाहिए था, लेकिन प्रदेश का न्यूनतम तापमान 12 से 13 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है. बताया गया कि न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा प्रभाव गेहूं, सरसों, मसूर, चना, आम और लीची की फसल पर होगा.
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बताया जाता है कि रबी की फसलों के लिए ठंड रहने और आसमान से ओस गिरते रहना जरूरी रहता है. लेकिन हालिया दिनों में मौसम ऐसा है कि उम्मीद से अधिक तापमान उम्मीदों पर पानी फेर रहा है. चना और मसूर में लगे दाने का विकास रूक सा गया है. फूल झड़ रहे हैं तो पौधों में फली लगने की संख्या भी घट रही है. रही-सही कसर पछुआ हवा निकाल दे रही है.
आम और लीची प्रभावित होगी
राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, पूसा, समस्तीपुर के विभागाध्यक्ष और अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना के प्रधान अन्वेषक प्रोफेसर डॉ. एस.के. सिंह का कहना है कि हालिया मौसम को देखते हुए तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी से आम (Mango) और लीची (Litchi) प्रभावित होगी जबकि गेहूं के दाने पुष्ट नहीं हो पाएंगे, जिससे उपज में गिरावट आ जाएगी. उन्होंने कहा कि किसान इस समय अपनी फसलों के जड़ों के पास नमी बनाए रखें.
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01:32 PM IST