Shark Tank India-4: Tax नहीं चुकाने की बात से घूमा जजों का दिमाग, पर बिजनेस है धांसू, मिली ₹1 करोड़ की फंडिंग
आज के वक्त में किसानों की कमाई बढ़ाने और उनकी जिंदगी बेहतर करने के लिए सरकारों समेत कई स्टार्टअप भी काम कर रहे हैं. ऐसा ही एक स्टार्टअप (Startup) शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में आया.
आज के वक्त में किसानों की कमाई बढ़ाने और उनकी जिंदगी बेहतर करने के लिए सरकारों समेत कई स्टार्टअप भी काम कर रहे हैं. ऐसा ही एक स्टार्टअप (Startup) शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में आया. इस स्टार्टअप का नाम है आरबीडी (RBD), जिसकी शुरुआत दिसंबर 2020 में जयपुर के रहने वाले भूपेंद्र कुमार टेलर और देवेंद्र कुमार टेलर ने की है. कंपनी का नाम आरबीडी उन्होंने अपने दादाजी के नाम पर रखा है, जिनका नाम था राम बिलास दर्जी.
भूपेंद्र और देवेंद्र अपने स्टार्टअप में कई तरह की मशीनें बनाते हैं, जो किसानों का वक्त और पैसा दोनों बचाने का काम करती हैं. मौजूदा वक्त में उनकी पावर रीपर, चाफ कटर और ब्रश कटर की मशीनें सबसे ज्यादा बिकती हैं.
और एक दिन छोड़ दी नौकरी, शुरू किया बिजनेस
भूपेंद्र ने कुछ साल होटल में रिसेप्शन पर काम किया और उसके बाद कई साल तक एग्रीकल्चर सेक्टर में सेल्स में काम किया. जब कोविड आया उस वक्त वर्क फ्रॉम होम तो हो रहा था, लेकिन सैलरी काफी कटने लगी, इनक्रिमेंट कई सालों से रुका था, वो रुका ही रहा. ये सब देखते हुए दिसंबर 2020 में भूपेंद्र ने नौकरी छोड़ी और कुछ बड़ा करने का फैसला किया. भूपेंद्र ने उस वक्त घरवालों से कहा कि 6 महीनों तक मैं आपको कुछ दे नहीं पाऊंगा. पापा-मम्मी ने कहा कि कुछ अच्छा करना. वहीं देवेंद्र उस वक्त स्वीमिंग पूल बनाने का काम करते थे. दोनों ने मिलकर आरबीडी की शुरुआत कर दी.
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इस स्टार्टअप के तहत कुछ प्रोडक्ट इंपोर्ट किए जाते हैं और कुछ को असेंबल किया जाता है. यह कंपनी कोई प्रोडक्ट खुद से नहीं बनाती है, लेकिन पूरे देश में इन्हें बेच रही है. इन मशीनों के साथ कंपनी ने कुछ इनोवेशन किए हैं, जैसे पावर रीपर में बैठने के लिए एक सीट लगा दी. अभी कंपनी में 32 लोगों की टीम है और करीब 5 वेयरहाउस के जरिए इनका बिजनेस होता है.
सोशल मीडिया पर तगड़ी पकड़
यह स्टार्टअप पूरी तरह से डी2सी पर फोकस करता है और उसके लिए सोशल मीडिया मार्केटिंग का खूब इस्तेमाल किया जाता है. कंपनी अपनी सर्विस पर पूरा फोकस करती है, ताकि कोई भी ग्राहक नाराज ना हो और दूसरों से तारीफें भी करे. बता दें कि इनके यूट्यूब पर 1.6 लाख सब्सक्राइबर हैं. इनके एक वीडियो पर तो 5 मिलियन तक व्यूज हो गए हैं.
पिछले साल कंपनी ने 14.37 करोड़ रुपये की सेल्स की थी. इस साल 2024-25 में कंपनी ने सितंबर तक यानी पहली छमाही में 9.34 करोड़ रुपये की सेल की है. वहीं कंपनी इस साल 22-25 करोड़ रुपये तक की सेल का अनुमान लगाकर चल रही है.
सारा बिजनेस ऑनलाइन
कंपनी का सारा बिजनेस ऑनलाइन होता है. दोनों ही फाउंडर हर साल करीब 8-9 लाख की सैलरी भी लेते हैं. इतना ही नहीं, यह स्टार्टअप हर साल 7-8 फीसदी का मुनाफा भी कमा रही है. हालांकि, फाउंडर्स ने कहा कि वह सारा प्रॉफिट नहीं दिखाते हैं, जिसे सुनकर सभी शार्क खफा हो गए. सभी ने कहा कि टैक्स पूरा भरना चाहिए, वरना कंपनी को दिक्कत हो सकती है.
मिले 1 करोड़ रुपये
फाउंडर्स ने अपने स्टार्टअप की 1 फीसदी इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये मांगे. सभी शार्क एक बात पर अड़े रहे कि फाउंडर्स को अपना पुराना सारा टैक्स चुकाना होगा. अनुपम बोले कि आपने शानदार बिजनेस बनाया है दिल से सलाम बॉस और वह आउट हो गए. कुणाल भी टैक्स के मामले पर आउट हो गए, लेकिन कहा कि जब सब ठीक हो जाए तो हम फिर मिलेंगे और आउट हो गए. वहीं अमन भी टैक्स इश्यू की वजह से आउट हो गए. नमिता और रितेश ने 1 फीसदी इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये दिए और साथ में 5 साल के लिए 9 फीसदी ब्याज पर 50 लाख रुपये का लोन दिया. फाउंडर्स ने इस डील को डन कर दिया.
09:19 PM IST